कोसी अंचल (बिहार के पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज एवं अररिया जिले)के साहित्य, विशेषकर कविता विधा की उपलिब्धियों को संरक्षित, संवर्द्धित करने की दिशा में कार्य करने के लिए सन्नद्ध और दृढ़ संकल्पित प्रकाशन संस्थान 'कविता कोसी' गंभीरता से प्रयासरत है। एक अनुमान के अनुसार कोसी अंचल में हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, सूर्यापुरी तथा यत्किंचित संस्कृत एवं अंग्रेजी भाषा में सृजनरत रचनाकारों की संख्या 500 से भी अधिक है।
शनिवार, 17 जुलाई 2010
कविता कोसी : द्वितीय खंड
कविता कोसी का द्वितीय खंड 2007 ई. में प्रकाशित हुआ। पिछले खंड की भॉंति ही इसमें कोसी अंचल के सात समकालीन कवियों की प्रतिनिधि कविताऍं शामिल की गई हैं, जिन पर डॉ. कामेश्वर पंकज द्वारा लिखित समीक्षात्मक आलेख भी है। इस खंड में शामिल कवियों के नाम हैं : कैलास विहारी सहाय, अमोघ नारायण झा अमोघ, रमेशचंद्र वर्मा, जोगेश्वर जख्मी, विद्यानारायण ठाकुर, हरिशंकर श्रीवास्तव 'शलभ' और भोला पंडित 'प्रणयी'। इस खंड में संपादक देवेन्द्र कुमार देवेश द्वारा कोसी नदी के पुराणशास्त्रीय और लोकसाहित्य संदर्भों पर संपादकीय लिखा गया है। साथ ही पॉंच कोसी गीत तथा कोसी नदी पर नंदकिशोर लाल 'नंदन' (निष्ठुर कोसी माय), रामकृष्ण झा 'किसुन' (कोसीक बाढि़), नारायण प्रसाद वर्मा (सुकुमार नदी), सुरेन्द्र स्निग्ध (कोसी का कौमार्य) और रमेश (कोसी-गाथा) द्वारा लिखित हिन्दी एवं मैथिली कविताओं को भी प्रकाशित किया गया है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें