गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

कविता कोसी : पंचम खंड

कविता कोसी का पाँचवा खंड 2009 में प्रकाशित हुआ। पूर्व की भॉंति संपादक देवेन्‍द्र कुमार देवेश ने इस खंड की भूमिका में कोसी अंचल की साहित्‍यिक विरासत का आकलन प्रस्‍तुत करने के क्रम को आगे बढ़ाया है। इस खंड में कोसी अंचल के पूर्वकालीन कवियों में से जगदीश कवि, हरिचरण दस, महेन्‍द्रनारायण चंद, महावीर तिवारी और शिवनाथ सिंह आदम की कविताऍं प्रकाशित की गई हैं। खंड में शामिल समकालीन कवियों के नाम हैं : सर्वश्री तेजनारायण तेज, सुखदेव नारायण, गणेश चंचल, भुवनेश्‍वर प्रसाद गुरुमैता, छेदी पंडित, महेश्‍वर प्रसाद सिंह तथा मधुकर गंगाधर। ये सभी कवि कोसी अंचल के वयोवृद्ध कवियों में से हैं। इन सबकी कविताओं पर पूर्व खंडों की भॉंति डॉ. कामेश्‍वर पंकज ने समीक्षात्‍मक आलेख लिखा है, जिसमें उनका निष्‍कर्ष है--''सातों रचनाकारों ने अपनी लेखनी पॉंचवे-छठे दशक में आरंभ की है और शताब्‍दी के अंत तक उनका लेखन काल फैला हुआ है। इसलिए हिन्‍दी काव्‍य में प्रवृत्‍तिमूलक जितने बदलाव हुए हैं, वे इनकी रचनाओं में परिलक्षित होते हैं। कवि तेज और महेश्‍वर प्रसाद सिंह की रचनाओं में छायावादी-रहस्‍यवादी भावभूमि और शिल्‍प देखे जा सकते हैं। कवि गुरुमैता और गणेश चंचल के गीतों में उत्‍तर छायावादी गीतों की रवानी और ताजगी है। कवि छेदी पंडित दलित चेतना के प्रतिनिधि हैं। कवि सुखदेव नारायण की कविताओं में छिजते जीवनमूल्‍य का दर्द है।''

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