कोसी अंचल (बिहार के पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज एवं अररिया जिले)के साहित्य, विशेषकर कविता विधा की उपलिब्धियों को संरक्षित, संवर्द्धित करने की दिशा में कार्य करने के लिए सन्नद्ध और दृढ़ संकल्पित प्रकाशन संस्थान 'कविता कोसी' गंभीरता से प्रयासरत है। एक अनुमान के अनुसार कोसी अंचल में हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, सूर्यापुरी तथा यत्किंचित संस्कृत एवं अंग्रेजी भाषा में सृजनरत रचनाकारों की संख्या 500 से भी अधिक है।
मंगलवार, 19 अप्रैल 2011
शिवनारायण शर्मा 'व्यथित' का कविता-संग्रह 'सीढ़ियों से फिसलती धूप'
'कविता कोसी' द्वारा प्रकाशित एकल कविता-संग्रहों की कड़ी में दूसरा संग्रह 2008 में प्रकाशित हुआ। 'सीढ़ियों से फिसलती धूप' नामक यह संग्रह पूर्णिया निवासी कवि श्री शिवनारायण शर्मा 'व्यथित' द्वारा रचित है। 29 जनवरी 1948 को सुपौल जिला के भटृठाबाड़ी गॉंव में जन्मे व्यथित जी बिहार सरकार की सेवा से अवकाशप्राप्ित के बाद निरंतर रचनाकर्म और साहित्ियक गतिविधियों में संलग्न हैं।
'संवदिया' त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका के प्रधान संपादक और वरिष्ठ कवि-कथाकार श्री भोला पंडित 'प्रणयी' ने पुस्तक की भूमिका में लिखा है--''इस छंदमुक्त कविता-संग्रह की कविताओं को पढ़कर ऐसा महसूस हुआ कि इनके आत्मविश्वास के अधिकार ने इन्हें भावप्रवण कवि बना दिया है। इनकी पीड़ा व्यक्ितगत नहीं, सार्वभौम हो गई है। इनके मुक्तछंद में भी लयात्मक प्रवाह है, जो 'सीढ़ियों से फिसलती धूप' की तरह अपनी उष्णता प्रदान कर रहा है। इनके व्यक्ितत्व की सादकी और लोकहित की प्रेरक भावना की तरह इनकी कविताऍं पठनीय हैं, जिनका स्वागत प्रबुद्ध पाठकों के बीच अवश्य होगा।''
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