कोसी अंचल (बिहार के पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, किशनगंज एवं अररिया जिले)के साहित्य, विशेषकर कविता विधा की उपलिब्धियों को संरक्षित, संवर्द्धित करने की दिशा में कार्य करने के लिए सन्नद्ध और दृढ़ संकल्पित प्रकाशन संस्थान 'कविता कोसी' गंभीरता से प्रयासरत है। एक अनुमान के अनुसार कोसी अंचल में हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, सूर्यापुरी तथा यत्किंचित संस्कृत एवं अंग्रेजी भाषा में सृजनरत रचनाकारों की संख्या 500 से भी अधिक है।
मंगलवार, 21 सितंबर 2010
कविता कोसी : चतुर्थ खंड
'कविता कोसी' का चतुर्थ खंड 2009 ई. में प्रकाशित हुआ। पूर्व की भॉंति इसमें कोसी अंचल के सात समकालीन कवियों की कविताऍं शामिल की गई हैं। संकलित कवि हैं : लीलारानी शबनम, सुबोध कुमार सुधाकर, जी. पी. शर्मा, वरुण कुमार तिवारी, भूपेन्द्रनारायण यादव 'मधेपुरी', नीरद जनवेणु और हरि दिवाकर। पुस्तक के प्रारंभ में संपादक देवेन्द्र कुमार देवेश ने कोसी अंचल के शासक साहित्यकार तथा उनके राज्याश्रित कवियों पर शोधपूर्ण भूमिका लिखी है। भूमिका के पश्चात तीन शासक कवियों--पद्मानंद सिंह, कमलानंद सिंह 'साहित्यसरोज' और कुमार गंगानंद सिंह की कविताओं के साथ-साथ चार राज्याश्रित कवियों--जयगोविन्द महाराज, हनुमान कवि, शीतल प्रसाद और भगवंत कवि की कविताऍं भी प्रकाशित की गई हैं। समकालीन कवियों की कविताओं पर अन्य खंडों की भॉंति डॉ. कामेश्वर पंकज का समालोचनात्मक लेख प्रकाशित किया गया है।
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